यूनेस्को (यूनाइटेड नेशन्स एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन) की क्रिएटिव सिटी सूची में शामिल होने के लिए लखनऊ की यात्रा बृहस्पतिवार से शुरू होने जा रही है। पहले चरण में लखनऊ को देश के अन्य सात शहरों से टक्कर लेते हुए खुद को इक्कीस साबित करना है।
16 मई को दिल्ली यूनेस्को के बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, मालदीव, व श्रीलंका के ऑफिस (क्लस्टर) में होने वाली बैठक में लखनऊ को अमृतसर, भोपाल, चंदेरी, हैदराबाद, ग्वालिया और इंदौर की नुमाइंदगी से दो-चार होना है।
प्रजेंटेशन का पहला दौर पूरा होने के बाद प्रविष्टि प्रोेजेक्ट के जमा किये जाने की की आखिरी तारीख 30 जून है। जिसमें लखनऊ को अपनी अहमियत बाकी शहरों से हटकर दिखानी होगी। यूनेस्को द्वारा तय करीब 7 क्षेत्रों में से किसी एक क्षेत्र में से लखनऊ को संगीत क्षेत्र में खुद को धरोहर बताना है।
इसको लेकर दिन भर बैठक में शामिल अधिकारियों और विभागों की बैठक लोकभवन के अलावा उप्र संगीत नाटक अकादमी में चलती रही। उप्र संगीत नाटक अकादमी की सचिव रूबीना बेग ने मंगलवार को बताया कि नवाबी नगरी की धरोहरों, संस्कृति, कला, मुख्य पहचान का एक प्रजेंटेशन तैयार किया गया है।
सात शहरों को देनी है अपनी प्रजेंटेशन
जिनमें भारत से महज तीन शहर चेन्नई, जयपुर व वाराणसी ही हैं। इस वर्ष दो अन्य शहरों को ही शामिल किया जाना है। इसके लिए सात शहरों को अपनी प्रजेंटेशन देनी है। प्रदेश से लखनऊ नुमांइदगी कर रहा है। 16 मई को होने वाली बैठक में सारे प्रतिभागी को अपनी विशेषताओं पर प्रजेंटेशन देना है।
प्रोजक्ट से जुड़ी शहर की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अभिलाषा वाल ने बताया कि लखनऊ कई क्षेत्रों में नायाब शहर है, लेकिन संगीत क्षेत्र से हम अपनी प्रजेंटेशन तैयार कर रहे हैं। वादन, गायन, नृत्य क्षेत्र से। इसके लिये कई विशेषज्ञों से हम मदद ले रहे हैं।
शास्त्रीय व लोक संगीत, चैती, बिरहा, ठुमरी, खयाल, दादरा और लुप्त होते वाद्य परंपरा प्रस्तुति बनाई गई है। चूंकि इसके लिये प्रविष्टियों का जमा होना और चुना जाना बहुत ही कम समय में होता है, इसलिये कई बिंदुओं पर काम कर रहे हैं।
बैठक में ये रहेंगे मौजूद
अकादमी सचिव रूबीना बेग ने बताया कि प्रजेंटेशन के बाद लखनऊ को नामित किए जाने के बाद उसे लिस्ट में शुमार करने के लिए शहरियों से भी सुझाव लिये जाएंगे। सीडीआरआई, एनबीआरआई समेत कई संस्थाओं, विशेषज्ञों से हम सलाह लेंगे।
उसके बाद 30 जून को अंतिम तारीख से पहले प्रविष्टि जमा करेंगे। लिस्ट में शामिल होने के बाद हमारे शहर के कलाकार लोग दुनिया भर के अन्य शहरों के साथ सांस्कृतिक धरोहरों, कलाओं व परम्पराओं को एक दूसरे से शेयर कर सकेंगे। इस प्लेटफॉर्म पर भी उनके साथ जुड़ सकेंगे।